यमनोत्री को रिजर्वेशन की जरूरत-तीर्थ पुरोहित।

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यमुनोत्री धाम के साथ पहले से ही  होता आया है सौतेला व्योहार – पुरुषोत्तम उनियाल तीर्थ पुरोहित यमनोत्री धाम।

गिरीश गैरोला।

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के पहले पड़ाव यमनोत्री में आपदा के बाद सरकारी तंत्र की चुप्पी से धाम के तीर्थ पुरोहित हतप्रद है।

केदारनाथ आपदा में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर राज्य सरकार के मंत्री डेरा डाले रहे,इतना ही नही विपक्ष के नेताओ ने भी पैदल 14 किमी की दूरी नापकर मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी किन्तु यमनोत्री धाम में आपदा के बाद अधिकारियों का यह प्रश्न कि केदारनाथ की तर्ज पर यहाँ कोई मानवीय  नुकसान नही हुआ , काफी चौकाने वाला था जिसके बाद पुरोहितों का स्वाभाविक जबाब तो यही होना था कि किसी बड़े मानवीय हादसे का ही  इंतजार किया जा रहा है ? और सम्भवतया उस घटना के बाद ही  केदारनाथ की तर्ज पर विकास के लिए बजट आवंटित होगा नेता और मंत्रियो के दौरे लगेंगे। बताते चले कि वर्ष 2004 के बाद ये चौथी बार धाम में आपदा के कहर टूट है। इसका पूर्व अनुमान पुरोहितों को था लिहाजा कालिंदी -गरुड़ गंगा-यमनोत्री महादर्शन योजना (केजी वाय   ) की विस्तृत डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को सौंपी थी यदि उसपर अमल होता तो धाम को आपदा से निजात मिल जाती अन्यथा कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

https://youtu.be/em30T1U3kAA

 

सरकारी तंत्र से पुरोहित पवन उनियाल कज नाराजगी के बाद पुरोहित पुरुषोत्तम उनियाल का पत्र उनके नाम-:

16जुलाई 2018की अर्धरात्रि में लगभग 1बजकर 35मिनट पर त्रिवेणी वाला ताल भर के फट गया जो की यमुनोत्री से आधा किलो मीटर की दूरी पर स्थित है जिससे यमुनोत्री धाम का आधे से जादा हिस्सा यमुना नदी के बेग से बह गया और इस भीषण त्रासदी से यमुनोत्री धाम तिलमिला उठा और सरकारी मदद का मोहताज यह धाम कयी बर्षों से आपदाएं झेल रहा है। आपदा के बाद सुबह को s d f r टीम की मदद से मन्दिर समिति एवं पुरोहित समाज की टीम मौके पर पहुंची वहां पर पहले से उपस्थित पुलिस एवं मन्दिर के कर्मचारी व पुजारी गणों ने मिलकर जो बचा हुआ  सामान , खाते आदि सुरक्षित स्थान पर रख कर धाम की व्य्वस्था को सुचारू रूप से संचालित रखा। इसी बीच जिलाधिकारी महोदय से सम्पर्क होता रहा डीएम् साहब ने विजिट करने का वादा कर दिन के लगभग 2से 3बजे डी एम् यमुनोत्री धाम पहुंचे और जायजा लेने के बाद पुरोहितों से वार्ता कर यह निष्कर्ष लिया गया कि यमुनोत्री धाम को केदारनाथ की तर्ज पर ही विकसित  किया जायेगा ताकि भविष्य में ऐसी भीषण आपदाओं से यमुनोत्री धाम में सतर्कता बनी रहे डी एम् साहब ने पुरोहितों का पूर्ण सहयोग कर कहा कि यात्रा सुचारू रखने में हमारा सहयोग आप लोग करें और यमुनोत्री धाम का मास्टर प्लान मैं तैयार करता हूँ।लेकिन सोचनीय विषय है कि हमारे डब्बल इंजन की सरकार की तरफ से तो ऐसे लगा जैसे यमुनोत्री में कुछ  हुवा ही न हो।

https://youtu.be/8O0-qQqAiWY

 

आपदा के बाद कोइ भी प्रतिनिधि यमुनोत्री धाम में नहीं पहुंचा जबकि छेत्रीय प्रतिनिधि खरसाली मेले में तांदी गीतों पे नाच रहे थे।लेकिन धाम की ओर दृष्टि दौड़ाने की फुरसत नहीं मिली इससे एक कहावत बन गई प्रतिनिधि मस्त यमुनोत्री धाम त्रस्त।यमुनोत्री में आजतक मुख्य मंत्री ने आ जाना था, प्रधान मंत्री जी ने आ जाना था, लेकिन यमुनोत्री धाम की सुध लेने के लिए कोई भी सरकार के मन्त्री बिधायक नहीँ पहुँचे,  बेहद शर्म की बात है।और ना हीं अभीतक कोई सुध लेने  का प्रयास ही किया जा रहा स्वयं मन्दिर समिति और पुरोहित समाज और क्षेत्रीय श्रद्धालु जनता से जो भी प्रयास धाम के सुरक्षा एवं पुनरुद्धार हेतु जो भी प्रयास होगा करते रहेंगे।जय यमुना मैया की।????

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