वोट के दिन छुट्टी नही- कठपुतली भी जानती है।

Share Now

 

*कठपुतली के माध्यम से दिया जन-जन को सन्देश*
छुट्टी मत मनाना जी, वोट डालने जाना जी।

अंकित तिवारी


_________________________
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नज़दीक आ रही है वैसे-वैसे मतदाताओं को रिझाने के लिये निर्वाचन से जुडी संस्थायें कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं| इसी कड़ी में बोट क्लब पर आज शाम को उस समय माहौल बिलकुल बदल गया जबकि एडीआर से जुड़े युवा साथियों ने मरती हुई लोककला यानी कठपुतली के माध्यम से बोट क्लब पर “छुट्टी मत मनाना जी, वोट डालने जाना जी” का सन्देश देना शुरू किया| बोट क्लब पर घूमने आये हर उम्र के सैलानी के लिए कठपुतली का यह खेल बहुत ही आकर्षण का केंद्र बन कर सामने आया| कठपुतली के माध्यम से की जा रही इस अनूठी पहल के सूत्रधार रहे कृष्णा यादव, विशाल यादव, राहुल मालवीय और हर्ष कल्याणे| “पपेट बॉयज” के नाम से मशहूर ये युवा साथी अलग-अलग किरदारों में सामने आते हैं और लोगों से रूबरू होते हैं|

ज्ञात हो कि इसके पहले एडीआर ने फ्लैश मॉब, नुक्कड़ नाटक, सांप-सीढ़ी जैसे कई रोचक और अभिनव प्रयोगों से मतदाताओं को रिझाने का काम किया है और जो कि लगातार जारी है|
इस दौरान राहुल सेन, राकेश प्रजापति, कुलदीप सिंह, अभिनय नीरत एवं कैंपस एंबेसेडर शिल्पी सोनी, श्री राम पाण्डेय एवं ए डी आर की तरफ से विक्की उत्कर्ष, आकांक्षा दोहरे शामिल रहे । बोट क्लब पर आज सैलानियों ने इस प्रदर्शन को बड़े ही चाव से देखा| बोट क्लब पर घूमने आये सराठे परिवार ने कहा कि हम इस कठपुतली को शो के माध्यम से अनिवार्य एवं नैतिक मतदान को बहुत ही अच्छे से समझ पाए हैं| वहीँ पहली बार वोट डालने जा रही माधुरी शर्मा ने कहा कि मेरे लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रदर्शन है जबकि मैं यह समझ पाई हूँ कि वोट देने से पहले अपने नेताओं के विषय में जानना कितना जरुरी है और माय नेता एप के माध्यम से कैसे जांचा जा सकता है| श्री वेंकट ने कहा कि अब मैं भोपाल का वोटर हूँ और मुझे इस शो के माध्यम से सीविजिल एप के विषय में जानना बहुत ही नया है|

कठपुतली के माध्यम से यह शो करने के सम्बन्ध में एडीआर की संयोजक रोली शिवहरे ने बताया कि हमारे यहाँ अभी भी धागों से संचालित की रही कठपुतली का प्रचलन तो है लेकिन हाथों से चलाई जाने वाली कठपुतली का प्रयोग नया है| उन्होंने बताया कि सभी चारों युवा साथी राजस्थान की लोकतंत्रशाला से मशहूर कठपुतली कलाकार रामलाल जी और शंकर जी से यह कला सीख कर आये हैं और अब भोपाल में इसका प्रदर्शन कर रहे हैं| ज्ञात हो कि कृष्णा यादव और हर्ष कल्याणे हमीदिया कालेज के छात्र हैं जबकि विशाल माखनलाल पत्रकारिता विश्विद्यालय के छात्र हैं और राहुल मालवीय चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय से बीएसडब्ल्यू की पढ़ाई कर रहे हैं| इस प्रक्रिया में जुड़े कृष्णा कहते हैं कि मैं इस पूरी प्रक्रिया से जुड़कर गौरवान्वित हूँ क्योंकि हम लगभग मरती लोककला को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं दूसरी ओर हम इसके माध्यम से नैतिक एवं अनिवार्य मतदान को लेकर सन्देश भी दे रहे हैं|

इस प्रदर्शन के दौरान युवा साथियों ने नैतिक एवं अनिवार्य मतदान के अलावा माय नेता एप और सी विजिल एप के विषय में भी लोगों को जागरूक किया|

error: Content is protected !!