लॉकडाउन की लंबी अवधि में अपने घरों को जाने के लिए तरस गए लोग अब किसी भी सूरत में अपने घर तक पहुंचना चाहते हैं इसके लिए चाहे उन्हें कितना भी धन खर्च करना पड़े और कोई भी गैरकानूनी काम क्यों न करना पड़े । मामला दिल्ली उत्तर प्रदेश सीमा का है।
दिल्ली – उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर पुलिस ने मां की मौत का बहाना कर टैक्सी में सवारी ले जा रहे ड्राइवर को हिरासत में ले लिया जबकि 9 सवारियों को शेल्टर होम भेज दिया है ।
दरअसल इन 9 लोगों को अपने घर जाने के लिए टैक्सी ड्राइवर ने ₹5000 प्रति सवारी दर से रेट तय किया था। जबकि सामान्य दिनों में अधिकतम ₹250 प्रति सवारी किराया लिया जाता है पुलिस को शक हुआ तो अलग-अलग पूछताछ की जिसमें मालूम होगा कि यह लोग एक दूसरे को जानते ही नहीं है।
हरीश असवाल नई दिल्ली
पूर्वी दिल्ली में माँ की मृत्यु का बहाना करने वाले टैक्सी कार ड्राइवर व सवारी थाना न्यू अशोक नगर दिल्ली उत्तर प्रदेश सीमा चेक पोस्ट पर चेकिंग के दौरान up 81 ct 7725 टैक्सी कार में सवार 9 लोग दिल्ली से आगरा बिना अनुमति के जाने की फिराक में थे और पाँच हज़ार रुपय प्रति सवारी ले जाने तय हुुुआ था जो अधिकतम 250 रुपय प्रति सवारी निर्धारित है।
जिसके बाद लॉक डाउन उल्लंघन में टैक्सी कार को रोका गया और सवारियों से
दिल्ली पुलिसकर्मी हेडकांस्टेबल विष्णु यादव , मोनु कुमार, जितेंद्र कुमार व ह्यूमन राइट्सएंड क्राइम कंट्रोल ओर्गनिज़ेशन ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पाल के साथ अलग अलग पूछताछ की गयी तो। आपस में रिश्तेदार कहने वाले एक दूसरे को नही जानते थे, फिर क्या स्मार्ट पुलिस का तमगा लिये दिल्ली पुलिस के लिये इतना इशारा ही काफ़ी बन गया था। टैक्सी कार सहित पूर्वी दिल्ली न्यू अशोक नगर थाना निरीक्षक टी आर मीना के आदेशनुसार टैक्सीकार ज़ब्त कर दिया गया और कार में सवार लोगों को शेल्टर होम में रख दिया गया इस तरह का मामला पहले भी हो चुका है ।
इससे पूर्व भी इसी चेकपोस्ट पर फर्जी प्लास्टर लगाए और डॉक्टर का पर्चा लगाएं व्यक्ति सवारियों के साथ बॉर्डर पार करने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था।