मेहनत से नहीं भागता है भारतीय मजदूर अचानक हुए लॉक डाउन से परिस्थितियां ऐसी हो गई हैं की दो जून की रोटी के लिए हाथ पसारने पड रहे हैं । एक गरीब मजदूर का स्वाभिमान बना रहे इसलिए उसकी राशन से मदद तो जरूर कर रहे हैं लेकिन उसका स्वाभिमान बना रहे इसलिए इस दौरान कोई फोटो क्लिक इन नहीं की जा रही है।
विद्युत उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित करने के बाद लॉक डाउन की परिस्थितियों में गरीब मजदूरों को स्वाभिमान को बचाए रखने के साथ उनकी आर्थिक मदद में भी आगे आया जल विद्युत निगम
खुद को प्रचारित करने और छपास कि बीमारी से दूर इंसान होने के नाते इंसान की समय पर जरूरत को पूरा करने के लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम एक नई मुहिम के साथ सामने आया है। निगम की माने तो समाज का छोटे से छोटा वर्ग भी अपने स्वाभिमान के साथ खड़ा रहना चाहता है लिहाजा मौके की नजाकत को देखते हुए उसके स्वाभिमान की रक्षा के साथ वर्तमान परिस्थितियों में उसकी आर्थिक मदद की जा रही है किन्तु इस दौरान राशन वितरण के कोई भी फोटो नहीं ली जा रही है, ताकि एक इंसान परिस्थितियों से मजबूर होकर खुद को दूसरे इंसान से कमतर अथवा छोटा न समझ सके।
गिरीश गैरोला
जहाँ पूरा विश्व कोरोना के संकट से जूझ रहा है,ऐसे समय मे यूजेवीएन लिमिटेड उत्तराखंड सरकार का सँयुक्त उपक्रम अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निवर्हन के साथ साथ सामाजिक जिम्मेदारी को भी निभा रहा है,एक तरफ वितीय वर्ष 19-20 में विधुत उत्पादन के मनेरी भाली प्रथम चरण के निर्धारित लक्ष्य 325 मिलियन यूनिट के सापेक्ष 357.6 मिलियन यूनिट का रिकॉर्ड उत्पादन किया है,इसके साथ कि वर्तमान लॉक डाउन के कारण जिन परिवारों को रोटी का संकट खड़ा हो गया,उनके साथ यूजेवीएन लिमिटेड मनेरी भाली प्रथम चरण के अधिकारी-कर्मचारी पूर्व के कलागढ़ द्वारा चलाई गई मुहिम को अपने यहाँ अपने स्तर से जिम्मेदारी समाज के प्रति मुहिम को अपना साथ दिया है,जिसमें रोटी का संकट खड़े परिवारों को एक राहत पैकेट वितरित कर रहे है।
जिस राहत पैकेट में
5 किलो आटा
5 किलो चावल
2 किलो आलू
1 किलो प्याज
1 किलो सरसों का तेल
1 किलो चना दाल
1 किलो नमक
250ग्राम सोयाबीन बडी
100ग्राम हल्दी
100ग्राम धनिया
100ग्राम लाल मिर्च
1 डिटॉल साबुन
उक्त सारी सामग्री का एक पैकेट बनाकर उत्तरकाशी ज़िला प्रशासन की मदद से चिन्हित कर राहत सामग्री सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुये सीधा चयनित लोगों के दरवाजों में पहुँचाई जा रही है जिन्हें वर्तमान में रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
इसके प्रथम चरण में 30 मार्च को राहत सामग्री 50 लोगो के सीधे उनके घरों तक पहुँचाई गयी है…
तथा आज दूसरे चरण के फिर से 50 अन्य लोगों को राहत सामग्री सीधे उनके घरों में पहुचाई गई.
अनन्त भूषण गैरोला
सहायक अभियंता
मनेरी भाली प्रथम चरण
यूजेवीएन लिमिटेड ने बताया कि इस मुहिम में यह तय किया है कि हम किसी को भी राहत सामग्री देते हुये फ़ोटो इत्यादि नही खीचेंगे, क्योंकि इस देश का मजदूर वर्ग भी स्वाभिमानी है,लेकिन वर्तमान लॉक डाउन से उन्हें रोटी का संकट पैदा हुआ है।