कोतवाल को कड़ी फटकार,
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण नही लगते देख प्रदेश भर में अधिकारियों पर सख्ती बरतते का दबाव है, खासकर देहरादून हरिद्वार जैसे बड़े नगरों में जहाँ जरा लापरवाही अथवा चूक से कोरोना के कम्युनिटी संक्रमण में मामलों में भारी इजाफा हो सकता है । हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की टीम तो सड़कों पर पुलिस की टीम रात दिन करुणा संक्रमण रोकने के लिए तैनात हैं इस दौरान कई बार अधिकारियों का मानसिक तनाव भी छलक पड़ता है।
गिरीश गैरोला
ताजा मामला देहरादून घंटाघर के पास का है जहाँ गेलार्ड एक्सप्रेस नाम की बेकरी है जहाँ न तो सोसल डिस्टेन्स के लिए गोले बनाये गए थे और न ही काम के दौरान शटर बंद किया गया था, इस दौरान राउंड पर निकले डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने मीडिया की मौजूदगी में शहर कोतवाल शिशुपाल नेगी को जमकर फटकार लगा दी।
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने दुकान संचालक के खिलाफ कार्यवाही के भी आदेश दिए। उन्होंने शहर कोतवाल को तीखे शब्दो मे लॉक डाउन का पालन कराने की हिदायत दी । लॉक डाउन के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन न किए जाने पर डीआईजी ने जो कड़े सवाल कोतवाल से किए वह सोसल मीडिया में खूब वायरल हो रहे हैं।
अधिकारी के तेवर देख दुकानदार ने तत्काल दुकान के सामने गोले बना डाले किंतु सरेआम फटकार सुनने के बाद कोतवाल ने दुकानदार के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करते हुए चालन काट दिया।
दरअसल स्विगी जैसी ऑनलाइन भोजन ऑर्डर करने वाली संस्थाओं के लिए कुछ दुकानों को अनुमति दी गई थी किन्तु शहर के मुख्य घंटाघर चौक पर खुली हुई दुकान में सोशल डिस्टेंस का पालन ना होने से अधिकारी आग बबूला हो गए।
गौर करने वाली बात यह है कि देहरादून नेशविला रोड पथरिया पीर चौक के पास अक्टूबर महीने में जहरीली शराब कांड में 6 लोगों की मौत में जांच के बाद शिशुपाल नेगी को क्लीन चिट देकर तत्कालीन एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने ही फिर से शहर कोतवाल बनाया था।
ऑनलाइन होम डिलीवरी सर्विस देने वाली कंपनियां शटर खोलकर सर्वेस देंगे या बंद कर इसका ठीक से पता न होने के कारण अन्य लोग सहमे हुए है।