देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने पिछले एक सप्ताह में पौड़ी गढ़वाल जनपद के तीन विभिन्न विकास खंडों के 3 क्वरन्टीन सेंटरों में तीन लोगों की लगातार एक सप्ताह में मौत पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि सबसे पहले पौड़ी जनपद के रिखणीखाल विकासखंड में उसके बाद बीरोंखाल विकासखंड में और अब ताजा मामले में पाबो विकासखंड के एक क्वरन्टीन सेंटर में एक नौजवान की मौत का मामला सामने आया है ।धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि ऐसा लगता है कि जो क्वरन्टीन सेंटर बनाए गए हैं। उनकी व्यवस्था ठीक नहीं है और तीनों मौत पर जिला प्रशासन के द्वारा और राज्य सरकार के द्वारा यह ऐलान किया जाना कि इन लोगों की मौत दमा खांसी और हृदयाघात से हुई है, कई शंकाओं को जन्म देता है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि यह लोग जैसा कि उन्हें जानकारी है अच्छे स्वास्थ्य के साथ अपने गांव में पहुंचे थे और उन सब की चेकिंग भी की गई थी ।व वे अपने गांव में स्थित स्कूलों में जो क्वरंटीन सेंटर बनाए गए हैं ।उनमें नियत 14 दिन की क्वरन्टीन उवधि को पूरा कर रहे थे ।उन्होंने पौड़ी जनपद में में हो रही इन मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से कहा है कि वह स्वयं पौड़ी जनपद के रहने वाले हैं ।अतरूउनका बड़ा दायित्व है कि उनके गृह जनपद में यदि कोई लापरवाही हो रही है तो उन पर नजर रखी जाए।और व्यवस्था मे सुधार किया जाए। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि दो दिन पहले ही उन्होंने यह मांग उठाई थी कि जो क्वारंटीन सेंटर हमारे यहां बनाए गए हैं ।एक तो वे स्तरीय नही है दुसरा उनमे प्रधान पर ,बिना किसी अनुभव के जिम्मेदारी डाल दी गई है जिसमें अब अनचाहे ही लापरवाही बरती जा रही है और इसी के चलते ना तो लोगों की थर्मल टेस्टिंग ठीक से हो रही है और ना ही इन केंद्रों में उनके रहने सहने रखरखाव दवाई और देखभाल की ठीक से व्यवस्था हो पा रही है। उल्टा यह सेवा केंद्रों की बजाए अब यातना केंद्र बनते जा रहे हैं। उन्होंने सरकार द्वारा अब तक भी गांव के प्रधानों को पैसा ना पहुंचाने पर भी नाराजगी का इजहार किया है और इन तीनों मौतों की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की मांग की है।