हाईकोर्ट ने की जिलों कि हवा टाइट, क्वॉरेंटाइन सेंटर में दबंगता नहीं आतिथ्य देना होगा_ 2 जून को अगली सुनवाई

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मीडिया में कोविड-19 उपचार के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान में उच्च न्यायालय उत्तराखंड के दखल के बाद राज्य प्रशासन हरकत में आया है सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास उत्तराखंड शासन, शैलेश बगोली की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को लिखे गए पत्र में राज्य के विभिन्न जनपदों में संस्थागत क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रखे गए प्रवासी व्यक्तियों हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के संबंध में आख्या मांगी गई है । 

गिरीश गैरोला

13  बिंदुओं की इस आख्या  में से बिजली पानी, पेयजल , स्वच्छता व नियमित सैनिटाइजेशन, स्वच्छ विस्तर , कम से कम तीन समय पौष्टिक भोजन,  साफ पर्याप्त संख्या में शौचालय और स्नानागार,  शिकायत पंजिका व उच्च अधिकारियों के शिकायत हेतु नंबर,  नियमित चिकित्सकीय परीक्षण , 24 घंटे केयरटेकर की उपलब्धता, क्या करें क्या नहीं करें संबंधित फ्लेक्स बोर्ड,  मनोरंजन की व्यवस्था , मास्क सैनिटाइजर की उपलब्धता और सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन ।सभी उप जिलाधिकारियों को  का निरीक्षण किए जाने के निर्देश दिए गए हैं ।उसके बाद सूचना विभाग के माध्यम से सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों की फोटो वीडियो पूरी आख्या के साथ 30 मई तक  उपलब्ध कराने की बात कही गई है ताकि 2 जून 2020 को उच्च न्यायालय की अगली सुनवाई तक पूरा विवरण प्रस्तुत किया जा सके।

गौरतलब है कि बाहरी जिलों से आने वाले प्रवासियों को दर्जनों स्थानों पर अमानवीय तरीकों से क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा था और अपनी आवाज उठाने पर महामारी के दौरान जनसेवा के लिए मिले अधिकारों का उपयोग लोगों की आवाज दबाने में किया जा रहा था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जहां प्रवासियों में खुशी की लहर है वही आम लोग भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हुए हैं।

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