रसूखदारों को महामारी में भी सैरसपाटा और ग्रमीणो पर मुकदमा? बहुत नाइंसाफी है ये।

Share Now

कोविड-19 सुरक्षा बचाव के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बनी हुई गाइडलाइंस को धता बताकर कुछ रसूखदार लोग अभी अलग-अलग जिलों में सैर सपाटे के लिए घूमने से बाज नहीं आ रहे हैं। बड़ा सवाल ये कि जिले के बॉर्डर पर बिना अनुमति के अथवा बिना क्वॉरेंटाइन किए इन लोगों को जिले में घूमने की इजाजत कैसे मिल रही है शिकायत मिलने के बाद इन रसूखदार दारो को बाइज्जत इनके इलाके में वापस भेजा जा रहा है जबकि स्थानीय लोगों को घर से बाहर निकलने पर भी कानूनी कार्यवाही की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के श्राद्ध के नाम पर फर्जीवाड़े से बद्रीनाथ केदारनाथ घूमने आए उत्तर प्रदेश के नेता अमनमणि त्रिपाठी का प्रकरण अभी ठंडा नहीं हुआ कि कई और अमनमणि इसी तर्ज पर महामारी के बीच सैर सपाटा को निकल पड़े हैं ताजा मामला चमोली जिले के उरगम घाटी का है जहां एक राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त का बेटा भी सरकारी गाड़ी में बिना इजाजत गांव तक पहुंच गया।

रिपोर्ट कृष्ण कुमार सेमवाल

  चमोली जिले में लगातार बढ़ रही कोरोना पॉजिटिव की संख्या प्रशासन की परेशानियों को बढ़ा रहा है और प्रशासन की तरफ से प्रवासी लोगों को ले कर लगातार सख्ती अपनाई जा रही है लेकिन दूसरी ओर कुछ लोग सत्ता की हनक में बिना अनुमति के ही जिला प्रशासन की आंख मे धूल झोंकते हुये चमोली के दूरस्थ गांव तक पहुंच रहे है और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों से अपनी सत्ता की हनक दिखा रहे हैं ऐसा ही मामला सामने आया है जोशीमठ ब्लॉक के उर्गम क्षेत्र का जहां पर उत्तराखंड शासन का लोगो लगे एक वाहन को ग्रामीणों ने रुका और जानकारी ली पता चला कि वाहन में राज्यमंत्री विनोद आर्य के पुत्र मुकेश आर्य बिना अनुमति के ही उर्गम पहुंच चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की घोर लापरवाही है और इस तरह से गांव में बिना अनुमति के पहुंचना ग्रामीणों के लिए कोरोना जैसी महामारी के विकट समय में मुश्किलें खड़ी कर सकता है ग्रामीणों का गुस्सा है कि स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से असफल नजर आ रहा है जिसके कारण इस तरह के लोग रेड जोन से बिना अनुमति के लॉक डाउन के  नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए यहां तक पहुंच पहुंच रहे हैं।

अनूप नेगी ग्राम प्रधान

वही उपजिलाधिकारी जोशीमठ अनिल चन्याल का कहना है कि राजस्व की टीम मौके पर भेजी गई है जिसके बाद अगर  जांच पर अगर पाया जाता है कि  इन लोगो के पास अनुमति नही है तो कार्यवाही की जाएगी। वरना वापस भेजा जाएगा।

ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कोई प्रवासी गाँव पहुचकर घूमता पाया जा रहा है तो उस पर मुकदमा किया जा रहा लेकिन अगर बाहर से कोई सैर सपाटे के लिए आता है तो उसे बाइज्जत वापस भेजे जाने की व्यवस्था की जाती है।

अब सवाल ये खडा है की स्थानीय लोगो पर नियमो का उल्लंघन करने पर मुकदमे कायम किये जा रहे है पर क्या रसूख दार यूपी नेता अमन मणी की तरह ही नेता पुत्र को भी चमोली से बिना कार्यवाही के छोड दिया जायेगा 

विजय डूंगरियाल पटवारी 

error: Content is protected !!