भगवान शंकर ने उस तेज बिष को अपने गले मे इसलिए धारण कर लिया था कि उगलते है तो दुनिया समाप्त हो जयेंगी और यदि निगल लेंगे तो उन्हें विष का असर होगा, भगवान शिव की इल्स मज़बूरी को समझा जा सकता है किंतु एक बेटी पिछले चार साल से अपने बाप के दुष्कर्मो को झेल रही थी न तो समाज को बयां कर पा रही थी और न स्थिति से समझौता ही कर पा रही थी , की मानसिक वेदना को समझना समझ से परे है।
एकांकी परिवार में रहने की आधुनिक सभ्यताा में संस्कृति और संस्कार कलंकित हो रहे हैं जबकि मानवता शर्मसार हो रही है ।चिंता तब बढ़़ जाती है जब बेटी अपने घर में ही सुरक्षित नहीं है और उसे अपने पिता से ही डर लगने लगे तो आधुनिक सभ्यता के समाज की इस व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठने लाजमी हैं ।
गिरीश गैरोला
चाइल्ड हेल्पलाइन से मिली सूचना के बाद सहसपुर थाना पुलिस द्वारा एक नाबालिग लड़की को सेलाकुई से रेस्क्यू किया गया। उप निरीक्षक पंकज कुमार ने बताया कि पीड़िता के भाई की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 376 (दुष्कर्म करने) व पोक्सो अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी पिता को देर रात सेलाकुई से गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया। आरोपी व्यक्ति अपनी ही नाबालिग पुत्री के साथ विगत 4 वर्षों से दुष्कर्म कर रहा था।