उत्तरकाशी जिले के पुरोला ब्लॉक के आठ गाँव सर , लेवटाडी़,डिगाडी़, कसलौ,किमडार, पौटीं, गौल,छानिका, की पटवारी चौकी जब से बनी है तब से आजतक पटवारी जी यह बिराजमान नही हुए। जरूरत पड़ने पर इन 8 गावो के ग्रामीणों को तहसील मुख्यालय बुलवा लिया जाता है। सड़क मार्ग से कई किमी की पैदल दूरी पर स्थित इन गावो को किन हालतों में तहसील मुख्यालय पहुचना होता है और इसकी उन्हें क्या कीमत चुकानी पड़ती है ये ग्रामीणों के मुरझाये चेहरे बयान करते है।
गिरीश गैरोला।
गाँव के कैलाश रावत बताते है कि
राजस्व उपनिरीक्षक पटवारी चौकी हमारे क्षेत्र में बनवा तो रखी है लेकिन वह बिल्डिंग जब से बनी है तब से सरकार प्रशासन की आंखों में शोपीस दिखाई दे रही है…
उस चौकी मैं न तो कभी पटवारी आता है.. और नहीं कभी वहां के लोगों के काम तहसील मुख्यालय के होते हैं इतना जरूर है कि जब पटवारी को कभी सूचित किया जाता है तब भी बड़ी मुश्किल से पटवारी वहां के लोगों को पुरोला ही बुलाता है..