गैंती फावड़े से बना डाली ग्रामीणों ने सड़क, पंचायत ने दिखाई ताकत। मेरु रैबार

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कोरोनावायरस कोविड-19 महामारी के दौरान कुछ बेहतरीन परिवर्तन भी समाज में देखने को मिल रहे हैं  लौक डाउन के दौरान देश और प्रदेशों से वापस अपने गांव को लौटे प्रवासी उत्तराखंडियो ने खाली समय का ऐसा सद्पयोग किया कि आज वे पूरे इलाके के लिए प्रेरणा श्रोत बन गए है। पौड़ी जिले के यमकेश्वर विधानसभा अंतर्गत मंगल्या गाव में एक ही परिवार के दो  लोगों की जान सिर्फ इसलिए चली गईं कि  गांव तक सड़क नहीं बनी थी, शासन सरकार और नेताओं से निराशा मिलने के बाद ग्रामीणों ने खुद  गैंती फावड़ों से गाव तक दो पहिया  आने लायक सड़क बना डाली।

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यमकेश्वर विधानसभा के मंगलिया युवा संगठन ने प्रवासी युवाओं एवं बुजुर्गों के साथ मिलकर  अपने गांव को जोड़ने के लिए सड़क बनाने का निर्णय लिया । प्रदेश सरकार में पौड़ी जिले का दबदबा  और राजधानी से सटे होने के बावजूद आज तक यमकेश्वर क्षेत्र के राजस्व गांव मंगलिया वासी   दूषित पेयजल पीने को मजबूर हैं , जो भविष्य में किसी महामारी का कारण बन सकता है डेढ़ महीने से जिला प्रशासन के चक्कर काटने के बाद  ग्रामीणों ने खुद हीी श्रमदान  से दो पहिया वाहन के लिए मोटर मार्ग का तैयार करने का निर्णय लिया।  विगत 1 महीने में 70% कार्य पूर्ण हो चुका है और 2 किलोमीटर की रोड तैयार कर ली गई है।

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