राष्ट्रीय महामारी कोरो ना वायरस कोविड-19 को लेकर पूरे देश भर में लोग डाउन चल रहा है बीमारी से बचाव के लिए बाहर से आने वाले प्रवासियों को गांव जाने से पहले पंचायत भवन में क्वॉरेंटाइन कराया जा रहा है , ताकि गांव के अन्य लोगों को संक्रमण का खतरा कम से कम हो। इस दौरान बेंगलुरु से आए दो नौजवानो ने उत्तरकाशी जिले में प्रवेश के साथ ही इन 14 दिनों के सदुपयोग कर पूरे इलाके में प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
एक और जहां प्रवासी क्वॉरेंटाइन सेंटर में सेंटर में सुविधाओं का रोना रो रहे हैं वही इं दोनों नौजवानो इस 14 दिन के समय को बीज बम अभियान को समर्पित कर दिया है।सामाजिक एकता परिवार के अब्बल सिंह ने बताया कि होटल व्यवसाय मैं नौकरी करने वाले गांव के दो युवक टीकाराम और हिकमत सिंह 14 मई को उत्तरकाशी पहुंचे थे जिन्हें गांव के पास प्राथमिक विद्यालय ढूंगुरू में क्वॉरेंटाइन कराया गया 14 दिन के समय में इन दोनों युवाओं ने न सिर्फ विद्यालय के आसपास वृक्षारोपण किया बल्कि गांव में जंगली हिंसक जानवरों के प्रभाव को रोकने के लिए 10 हजार बीज बम तैयार कर डाले ।
बताते चलें कि समाजसेवी द्वारिका की पहल पर इस बीच बम अभियान को राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित सभी जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने स्कूली छात्रों के साथ अभियान का हिस्सा बनकर महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है । बीज बम निर्माण में मिट्टी के साथ गोबर की खाद मिलाकर बीज को डाल कर गोल बम का आकार दिया जाता है और इन बीजों को स्कूली छात्रों की मदद से गांव के सीमा के बाहर जंगलों में फेंक दिया जाता है। इन्हीं बीजों से फलदार पेड़ तैयार होते हैं जिसके बाद जंगल में रहने वाले जानवर बंदर ,लंगूर, भालू इत्यादि के गांव में आने की उम्मीद कुछ कम हो जाती है।