एफआईआर दर्ज होने के बाद पीड़ित महिला के बयान के लिये न आने से उठने लगे सवाल।

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28 दिसंबर 19  को हुए महिला से दुसकर्म  के प्रयास में बचकर निकलने वाले मामले में पुलिस रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पीड़ित महिला का मजिस्ट्रेट बयान के लिए सामने न आना किसी नई कहानी की तरफ इशारा कर रहा है?

29 दिसंबर को   तहरीर में आरोप लगाया गया था कि महिला के वस्त्र फाड़ने का प्रयास किया गया साथ ही  वीरान सड़क पर  उसकी इज्जत से खेलने का भी पूरा प्रयास किया गया, इस दौरान उनकी वीडियो भी बनाई गई।

टीवी खोलकर देखे अथवा समाचार पत्र या सोशल मीडिया सभी जगह आजकल रेप , दुष्कर्म जैसी खबरे ही छाई हुई है, ऐसे में गंगा यमुना की उदगम धार्मिक नगरी उत्तरकाशी में भी ऐसी ही एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जिसमें फिलहाल तो बाद बड़ा हादसा तो टल गया किन्तु  ऐसी ही बड़ी खबर के लिए देवभूमि को भी तैयार करने की साजिश रची जा रही थी ?।

 28 दिसंबर को देर शाम 6 बजे अपनी सहकर्मी के साथ माही डांडा रॉड पर गए अधिवक्ता ने बताया कि वे कमान अधिकारी से किसी मामले में बातचीत के लिए गए थे और गाड़ी को मोड़ने के लिये कुछ और दूर निकल गए थे। अब महिला के साथ होने को लेकर उन्हें ही दोषी साबित करने का प्रयास किया जा रहा है जबकि पीड़ित को समाज और बदनामी का डर दिखाकर रिपोर्ट वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।

सीमांत जिले और शिव नगरी उत्तरकाशी में एक वकील को कार से बाहर निकाल कर उसकी सहकर्मी महिला को भी जबरदस्ती बाहर निकलने का प्रयास किया जाता है महिला के कपड़े फाड़ने और छेड़खानी की जाती है, घटना से जुड़े उत्तरकाशी के वकील अभयराज बिष्ट की माने तो फिल्मी अंदाज में उनकी कार के आगे पहले स्कूटी लगाकर दो युवक उतरते है जिनके चेहरे हेलमेट और मास्क से ढके होते है कुछ देर बाद उनकी मदद के लिये एक मोटर सायकिल भी आ जाती है, आरोप है कि दोनों लोगो के कपड़े फाड़ कर उनका अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैक मेल कर महिला की इज्जत लूटने की कोशिश थी,

अधिवक्ता अभयराज बिष्ट की माने तो जब वे आगे की प्लानिंग के लिए आपस मे चर्चा कर रहे थे तभी वे मौका पाकर कार में बैठे और वहाँ से भागने ने सफल हुए , फिर ग्रिफ वालो से मदद मांगी गई थोड़ी देर बाद वहा से गुजर रही कार से मदद मांग कर फिर से घटना स्थल पर जाकर बाइक का नंबर लिया गया जहाँ वे तब तक भी कथित रूप से सड़क पर बैठ कर ही शराब पी रहे थे।

बताया गया कि थाने का नंबर 222219 काम नही कर रहा था, 28 दिसंबर साम  की इस घटना की 29 दिसंबर को थाना कोतवाली में वकील के साथ महिला द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जाती है,

उत्तरकाशी पुलिस द्वारा महिला के 164 के बयान के लिए अगले दिन बुलाया जाता है किंतु लंबे समय से उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में मुंसिफ मजिस्ट्रेट न होने के कारण पुरोला मुंसिफ मजिस्ट्रेट के पास बयान के लिए भेजे जाने की तैयारी की जाती है।इस बीच समझौते के लिए दौड़ भाग सिर होती है, दबाव पड़ता देख वकील अभयराज बिष्ट द्वारा केस से संबंधित पक्षों को पुलिस प्रोटेक्शन भी दिलाया जाता है।

अधिवक्ता और हादसे के प्रत्यक्ष दर्शी अभय राज बिष्ट ने बताया कि अचानक पीड़ित महिला को दबाव और सामाजिकता की बात कह कर मामले को ठंडा करने का प्रयास सुरु कर दिए गए है।

इस संदर्भ में पुलिस कप्तान पंकज भट्ट ने पीड़िता को पुलिस प्रोटेक्शन देने की बात कही साथ ही उन्होंने बताया कि बार बार बुलाये जाने के बाद भी पीड़िता 164 के बयान के लिए पुरोला जाने के लिए नही आ रही है लिहाजा उन्हें आज इस संदर्भ में नोटिस भी जारी कर दिया गया है।

हादसे के प्रत्यक्षदर्शि अधिवक्ता अभयराज बिष्ट ने निराश होकर कहा कि इस देश मे रेप के बाद हत्या के मामले में तो सहानुभूति मिल जाती है किंतु जिंदा रहकर घटना होने से पूर्व न्याय मिलना आसान नही है, मामले की जश्न अधिकारी एसआई मनीषा नेगी ने बताया कि एक दिन और समय दिया गया है यदि पीड़िता 164 के बयान के लिए राजी होती है तो आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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