उत्तरकाशी – जंगली जानवरों का गांव में प्रवेश रोकेगी यह पहल

Share Now

पर्यावरण संतुलन की चिंता के बीच जंगली जानवरों और इंसान के बीच बढ़ते टकराव को रोकने के लिए गाजणा पट्टी के ठण्डी गांव में युवा टीम ने गांव से लगे जंगल की सीमा में बीज बम अभियान चलाकर इंसान और जानवरों के बीच सीमा रेखा खींचने का काम किया है। आने वाले समय में इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे और दोनों के बीच टकराव की घटनाएं कम होंगी।

गिरीश गैरोला

जंगली जानवरों से परेशान उत्तरकाशी के गाजना पट्टी निवासी ठाडी गांव के युवाओं ने सरकारी इंतजाम के इतर अपने निजी इंतजाम भी शुरू कर दिए हैं। बताते चलें कि पिछले 2 सप्ताह से इलाके में जंगली भालू , ग्रामीणों की पालतू गायों को निशाना बनाकर गाँव में खौफ का वातावरण बना रहा था। जिसके बाद मौके पर आई वन विभाग की टीम ने पूरे इलाके में सेंसर लगाए थे , सेंसर की रेंज में आते ही होने वाली तेज आवाज अलार्म के चलते भालू भाग गया । हालांकि विभाग ने इलाके में कैमरे भी लगाए थे किंतु कैमरे में कोई भी तस्वीर कैद नहीं हो सकी।

लॉक डाउन के चलते खाली बैठे ग्रामीणों ने सामाजिक एकता परिवार के बैनर तले युवाओं की फौज को बीज बम अभियान से जोड़ा। गोबर की खाद और मिट्टी मैं बीज को डुबोकर पहले उसे सुखाया गया उसके बाद गांव से लगी जंगल की सीमा में बिखरा दिया गया। सामाजिक एकता परिवार से जुड़े अब्बल सिंह राणा एवं सोभन सिंह राणा ने बताया कि ये बीज जब फल में परिवर्तित होंगे तो जंगली जानवरो को जंगल मे ही खाने की व्यवस्था हो जयेंगी तो वे गांव में प्रवेश नहीं करेंगे , ऐसे में बिना इंसान और जानवरों के टकराव के पर्यावरण को सुरक्षित रखने का एकता परिवार ने अनूठा तरीका ढूंढ निकाला है।

आज सामाजिक एकता परिवार ठाण्डी के द्धारा जंगली जानवरों को रोकने तथा खेतों की सुरक्षा हेतु भ्यूणी में बुग्याल में विभिन्न प्रकार के बीच जैसे कद्दू, लोरी, भमोरी,राजमा, मोल, वीजों को जंगलों में बिखेरा जिससे जंगली जीब बन्दर, लंगूर आदि आसानी से गांव के पास प्रवेश व नुकसान न कर सके
संरक्षक अब्बलसिंह राणा सामाजिक एकता परिवार ठाण्डी

साथ ही उत्तरकाशी के गाजणा क्षेत्र के सामाजिक एकता परिवार ठाण्डी के युवकों ने अपने क्षेत्र हित में यह फैसला लिया है कि 37 लड़कों की यह टीम आज से सामाजिक एकता परिवार ठाण्डी के बैनर तले जंगली जानवरों को रोकने तथा खेतों की सुरक्षा हेतु भ्यूणी में बुग्याल में विभिन्न प्रकार के बीच जैसे कद्दू, लोरी, भमोरी,राजमा, मोल, वीजों को जंगलों में बिखेरा जिससे जंगली जीब बन्दर, लंगूर आदि आसानी से गांव के पास प्रवेश व नुकसान न कर सके
संरक्षक अब्बलसिंह राणा सामाजिक एकता परिवार ठाण्डी

error: Content is protected !!