आईएमए कैडेटस को व्यक्तिगत उत्कृष्टता, रोलिंग ट्रॉफीज व बैनर्स से नवाजा

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देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में कड़े प्रशिक्षण के बाद सैन्य अफसर बनने से महज कुछ कदम दूर जेंटलमैन कैडेट्स को उनकी काबिलियत का इनाम मिला। बुधवार को आयोजित अवॉर्ड सेरेमनी में कैडेट्स को व्यक्तिगत उत्कृष्टता, रोलिंग ट्रॉफीज व बैनर्स से नवाजा गया। अकादमी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा ने भावी अफसरों को देश की आन, बान और शान की रक्षा का मूलमंत्र दिया।

गिरीश गैरोला

आइएमए कमान्डेंट ने कहा कि जिन कैडेटों को पुरस्कार नहीं मिला है, वह भी खुद को कमतर न समझें। किसी भी परिस्थिति का डटकर सामना करने, बदलाव को आत्मसात करने और तकनीक में दक्षता हासिल करने की सीख भी उन्होंने दी। भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को होने वाली पासिंग

आउट परेड में देश-विदेश के 377 जेंटलमैन कैडेट हिस्सा लेंगे। इसमें से 306 कैडेट भारतीय सेना तथा 71 सैन्य अफसर मित्र देशों को मिलेंगे। वहीं, मंगलवार को हुई डिप्टी कमांडेंट परेड में अकादमी के उप समादेशक और मुख्य प्रशिक्षक मेजर जनरल जीएस रावत ने सलामी ली। इससे पहले उन्होंने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड का निरीक्षण किया। इस दौरान जेंटलमैन कैडेट का जोश और उत्साह देखते ही बन रहा था।

उप समादेशक ने जेंटलमैन कैडेटों को रिहर्सल के तौर पर स्वार्ड ऑफ ऑनर के साथ ही गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिए। उन्होंने कहा कि आईएमए से प्रशिक्षण लेने के बाद कैडेट सेना में शामिल होकर गौरव बढ़ाएंगे। विभिन्न यूनिट और रेजिमेंट में उनकी क्षमताओं को बेहतर बनाया जाएगा।

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कहा कि भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। युवा अफसरों को अपने आचरण और कार्यों के जरिये सम्मान और विश्वास अर्जित करना होगा। उन्होंने विदेशी कैडेटों की भी तारीफ की। इस दौरान अकादमी के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, प्रशिक्षक आदि मौजूद रहे।

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