बच्चों के साथ खाया डीएम ने मिड डे मील, आईएएस स्वाति को लगी मिर्ची।

Share Now

चमोली / गोपेश्वर

रिपोर्ट… पुष्कर सिंह नेगी
गोपेश्वर ।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने घिंघराण स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं माॅडल आंगनबाडी केन्द्र देवर खडोरा का औचक निरीक्षण किया।

इस दौरान उन्होंने आंगनबाडी केन्द्र में बच्चों की दी जा रही पूर्वशाला शिक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए बच्चों के साथ जमीन में बैठकर मिड डे मील में बना खाना भी खाया। 

प्राथमिक विद्यालय और माॅडल आंगनबाडी केन्द्र देवर खडोरा के बच्चे हर रोज की तहर मिड डे मील में बना खाना खा रहे थे, लेकिन बुधवार का दिन उनके लिए कुछ खास रहा।

जब चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने भी जमीन में विछाई दरी में बैठकर बच्चों के साथ मिड डे मील में बना खाना खाया। दरअसल डीएम बच्चों को खिलाए जा रहे मिड डे मील की गुणवत्ता को परखना चाह रहे थे। इस दौरान उन्होंने भोजन माता को बच्चों के भोजन में मिर्च कम रखने, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन देने की बात कही। 

बुधवार जिलाधिकारी ने माॅडल आंगनबाडी केन्द्र देवर खडोरा में बच्चों को दी जारी शिक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।

उन्होंने बच्चों से विभिन्न रंगों, आकृतियों के बारे में पूछते हुए बच्चों को दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता की परख की। इस दौरान बच्चों ने कविताएं भी सुनाई।

जिलाधिकारी ने आंगनबाडी कार्यकत्री को कागज की विभिन्न आकृतियां तथा खेलों के माध्यम से बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा देने को कहा।

उन्होंने कहा कि हिन्दी के अलावा अंग्रेजी में भी बच्चों को उनके आसपास की वस्तुओं की जानकारियां दी जाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों के खेलने के लिए दी गई छोटी फिसलपट्टी को बदलकर बडी फिसलपट्टी लगाने, आॅडियों किट में अच्छे कन्टेंट्स रखने तथा आंगनबाडी केन्द्र के फर्स सुधारीकरण हेतु आंगणन उपलब्ध कराने के निर्देश बाल विकास अधिकारी को दिए।

उन्होंने आंगनबाडी को और बढिया बनाने के लिए कार्यकत्री को अपने सुझाव भी देने को कहा। प्राथमिक विद्यालय देवर खडोरा के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्कूल में वाटर फिल्टर तथा फर्स पर टायल्स लगाने हेतु बीईओ को आंगणन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। 

जिलाधिकारी की पहल पर बचपन प्रोजेक्ट के तहत जनपद में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों में सभी सुविधाएं मुहैया कर माॅडल के रूप में तैयार किया जा रहा है। नौनिहालों के सर्वागीण विकास के लिए अभी तक 90 आंगनबाडी केन्द्रों में माॅडल बनाया जा चुका है।

error: Content is protected !!