इसलिए चूल्हे की होती है पूजा यहाँ

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खण्डासुरी,कपिल मुनि महाराज का कुमणाई,देवजानी में दो दिवसीय मेले का समापन।

सुरेंद्र देवजानी मोरी


बलराज भीरुडी के सुअवसर पर एक वर्ष के बाद कुमणाई,देवजानी में मेले का आयोजन होता है।पूरे क्षेत्र में हर्ष व उल्लास के साथ गांव व क्षेत्र के गण मान्य लोग नाते रिस्तेदार मेले में कपिल मुनि महाराज से दुवा व कुशलक्षेम की मनत मांगने श्रदालो का तांता लगा रहता है।।

12 गते मंगसिर क्षेत्र के रमाल गांव में भी दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है।।


क्षेत्र के ग्राम पंचायत प्रधान श्री सुरेन्द्र “खेड़मी,देवजानी” कहते है कि खास भीरुडी पर्व में क्षेत्र के सभी परिवार व गांव में अपने दायभाईयों के चूल्हे पूजे जाते है और भाई चारे की परम्परा के अनुसार सुबह उठकर एक दूसरे के घरों में तांता लगा रहता है और नमस्ते व पैर छूकर छोटे बड़ों को नमस्ते के परम्परा को निभाया जाता है।


पण्डित पुजारी पूर्णानन्द नौटियाल,जमुना प्रसाद नौटियाल, जगमोहन नौटियाल,सुमन नौटियाल, भुवनेश्वर प्रसाद नौटियाल,
आदि ने पूजा अर्चना के बाद देव डोलियां गंदियाटगांव के लिए प्रस्थान करेगी।


मेले में माली प्रहलाद चौहान, ग्राम प्रधान सुरेन्द्र “खेड़मी,देवजानी”पांच गांव समिति के अध्यक्ष जगमोहन पंवार,सचिव सतपाल सिंह,समिति के कोषाध्यक्ष कृष्णा पंवार,पूर्व अध्यक्ष जयराम चौहान,जिला पंचायत सदस्य अरुण रावत,सुरत सिंह चौहान,यूथ के युवा साथी दीपक चौहान,अनिल पंवार,एलम राणा,अनिल आर्य,खिल्ली आर्य,बी0एल0 आर्य,विजेन्द्र पंवार,वेस्टि प्रधान भारत पंवार,सतेन्द्र सिंह चौहान पूर्व उप प्रधान,उपेन्द्र वर्मा,पंचराम सिंह,शिवराम चौहान,धीरपाल सिंह हजारों लोग मेले के शाक्षी बने।।

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